August 24, 2025

गंगा कॉरिडोर क्षेत्र में अब बिजली की तारें होंगी जमीन के नीचे, SCADA ऑटोमेशन से निगरानी और पारदर्शिता में आएगा क्रांतिकारी बदलाव : धामी 

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गंगा कॉरिडोर क्षेत्र में अब बिजली की तारें होंगी जमीन के नीचे, SCADA ऑटोमेशन से निगरानी और पारदर्शिता में आएगा क्रांतिकारी बदलाव : धामी

 

 

 

 

 

 

 

 

केंद्र सरकार ने आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत यूपीसीएल को ऋषिकेश में एच.टी./एल.टी. लाइनों के भूमिगतकरण तथा एससीएडीए ऑटोमेशन हेतु ₹547.73 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति जारी की

 

सीएम धामी ने इस संबंध में केंद्र सरकार से किया था अनुरोध

 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर का आभार व्यक्त किया

 

 

केंद्र सरकार द्वारा यूपीसीएल, उत्तराखण्ड द्वारा ऋषिकेश के गंगा कॉरिडोर में एच.टी./एल.टी. लाइनों के भूमिगतकरण एवं एससीएडीए ऑटोमेशन हेतु कुल परियोजना लागत ₹547.73 करोड़ (समानांतर जीबीएस ₹493.05 करोड़ सहित) तथा पी.एम.ए. शुल्क @ 1.5% परियोजना लागत (₹8.22 करोड़, जिसमें जीबीएस ₹7.39 करोड़) के साथ योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है |

 

इस परियोजना के अंतर्गत ऋषिकेश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एचटी/एलटी विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा, साथ ही SCADA ऑटोमेशन प्रणाली भी लागू की जाएगी, जिससे बिजली आपूर्ति में पारदर्शिता, निगरानी और त्वरित सुधार की क्षमता विकसित होगी।

 

 

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश के गंगा कॉरिडोर क्षेत्र में विद्युत लाइनों के भूमिगतकरण एवं ऑटोमेशन के लिए पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) द्वारा ₹547.73 करोड़ की परियोजना को अनुमोदित किए जाने पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर का हार्दिक आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध किया था |

 

 

ऋषिकेश जैसे आध्यात्मिक, पर्यटन और कुम्भ क्षेत्र के लिए यह परियोजना न केवल विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएगी, बल्कि नगर की सौंदर्यकरण , सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उत्तराखण्ड सरकार इस परियोजना को समयबद्ध रूप से लागू करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगी, जिससे प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण, सतत और सुरक्षित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।”

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