July 31, 2025

महिला ने पीजीआई चंडीगढ़ और हिमालयन अस्पताल, देहरादून में उपचार कराया पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में महिला की हुई कैंसर सर्जरी सफल

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महिला ने पीजीआई चंडीगढ़ और हिमालयन अस्पताल, देहरादून में उपचार कराया पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में महिला की हुई कैंसर सर्जरी सफल

चिकित्सा जगत में एक नई मिसाल कायम करते हुए श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. अजीत तिवारी और उनकी टीम ने एक महिला मरीज की स्टेज-3 एडवांस कोलन कैंसर सर्जरी सफलतापूर्वक कर उसे नया जीवन प्रदान किया है। महिला को आंतों के कैंसर की गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था, जहां अन्य बड़े चिकित्सा संस्थानों द्वारा सर्जरी को असंभव करार दिया जा चुका था। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने पूरी सर्जरी टीम को इस अद्भुत सफलता पर बधाई दी और कहा कि अस्पताल भविष्य में भी कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु उन्नत तकनीक व सेवा के साथ समर्पित रहेगा।

पीजीआई चण्डीगढ़ और हिमालयन अस्पताल में नहीं हो पाई थी सर्जरी

महिला ने बताया कि उन्हें डेढ़ वर्ष पूर्व कैंसर की जानकारी मिली थी। इस दौरान उन्होंने पीजीआई चंडीगढ़ और हिमालयन अस्पताल, देहरादून में उपचार कराया। पीजीआई चण्डीगढ में उनकी 12 कीमोथैरेपी हुई और हिमालयन अस्पताल में 6 कीमोथैरेपी सत्र दिए इस प्रकार उन्हें कुल 18 कीमोथैरेपी सत्र दिए गए। हालांकि, कैंसर की जटिल स्थिति को देखते हुए पीजीआई चण्डीगढ और हिमालयन अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञों ने कैंसर सर्जरी होने की सम्भावना से इनकार कर दिया था। उसके बाद श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में महिला की सफल कैंसर सर्जरी हुई।

कैंसर शिविर में मिली नई आशा

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल द्वारा आयोजित एक कैंसर जागरूकता शिविर में महिला की भेंट श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. अजीत तिवारी से हुई। डॉ. तिवारी ने केस की गंभीरता का गहन अध्ययन कर सर्जरी की संभावनाएं तलाशी और महिला को ऑपरेशन की सलाह दी। मरीज की सहमति के बाद श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में लगभग 8 घंटे लंबा ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। डॉ. अजीत तिवारी के अनुसार, यह एडवांस स्टेज कोलन कैंसर का मामला था, जिसमें कैंसर आंतों के अलावा पेशाब की थैली, बच्चेदानी, अंडाशय और पेट की दीवार तक फैल चुका था।

आमतौर पर इस स्थिति में उपचार की संभावना बेहद कम हो जाती है, लेकिन टीमवर्क और तकनीकी दक्षता के बल पर यह कठिन सर्जरी संभव हो सकी। पूरी टीम ने सूक्ष्मता से सभी कैंसर ग्रस्त अंगों को हटाकर महिला को कैंसर-मुक्त किया। मरीज का सम्पूर्ण उपचार ‘आयुष्मान भारत योजना’ के अंतर्गत निःशुल्क किया गया। यदि यही उपचार निजी (कैश) आधार पर किया जाता, तो मरीज को लगभग 13 से 14 लाख रुपये तक का खर्च उठाना पड़ता। आयुष्मान योजना के कारण मरीज़ को आर्थिक बोझ से भी भारी राहत मिली।

ऑपरेशन के कुछ सप्ताह बाद महिला की स्थिति सामान्य है और डॉक्टरों की राय में अब उन्हें कैंसर के किसी और उपचार की आवश्यकता नहीं है। महिला और उनके परिजनों ने इलाज और सहानुभूति भरे व्यवहार के लिए श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की टीम का आभार व्यक्त किया। डॉ. अजीत तिवारी ने जानकारी दी कि आंतों का कैंसर देश में तेजी से बढ़ रहा है और अब इसके मामले 8 से 12 प्रतिशत तक देखे जा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि अब 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में भी यह रोग तेजी से फैल रहा है। बदलती जीवनशैली, अनियमित खानपान और देर से निदान इसके प्रमुख कारण हैं।

यह सर्जरी न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि कैंसर पीड़ितों के लिए आशा की किरण भी है। यह उदाहरण साबित करता है कि समय रहते सही परामर्श, विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख और भरोसेमंद चिकित्सा संस्थान का चुनाव जीवन बदल सकता है। सर्जरी टीम में डॉ. अजीत तिवारी के साथ डॉ. निशीथ गोविल और डॉ. कनिका कपूर शामिल रहे।

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