गरम पानी से झुलसा था हाथ, तड़प से थर-थर कांप रहा था मजदूर, डीएम के स्पर्श ने फिर दी जिंदगी की डोर
गरम पानी से झुलसा था हाथ, तड़प से थर-थर कांप रहा था मजदूर, डीएम के स्पर्श ने फिर दी जिंदगी...
गरम पानी से झुलसा था हाथ, तड़प से थर-थर कांप रहा था मजदूर, डीएम के स्पर्श ने फिर दी जिंदगी...